आंध्र प्रदेश सरकार ने राज्य में जन्मे 30,000 बच्चों के कुछ ही मिनटों में आधार कार्ड बना दिए। इन बच्चों के पैदा होते ही उनका बायोमेट्रिक लिया जाना संभव नहीं है, इसलिए उनके पैदा होने से पहले ही उनके माता-पिता का बयोमेट्रिक लिया गया। बाद में जब ये बच्चे पांच साल के हो जाएंगे तो उनका बायोमेट्रिक लेकर मैपिंग की जाएगी। बायोमेट्रिक के बाद भी उन्हें वही आधार नंबर दिया जाएगा जो उन्हें जन्म के समय दिया गया है।
यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया के डेप्युटी डायरेक्टर जनरल जी वेणुगोपाल रेड्डी ने बताया, ‘हम लोगों ने आंध्र प्रदेश के कुछ सरकारी अस्पतालों में पायलट प्रॉजेक्ट के तौर पर यह शुरू किया था। नियम के अनुसार पांच साल की उम्र तक आधार दे दिया जाएगा। इससे पहले बच्चे के माता-पिता का बायोमेट्रिक लेकर उसे आधार के साथ टैग किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि सरकारी अस्पतालों में माता-पिता से नवजात को आधार नंबर दिए जाने की सहमति पहले ही ले ली जाती है। माता-पिता को उससे पहले जल्दी आधार नंबर हो जाने के फायदे बताए जाते हैं। यह प्रॉजेक्ट 2016 में शुरू किया गया था लेकिन सॉफ्टवेयर की गड़बड़ी के चलते यह कुछ महीनों पहले शुरू किया जा सका।
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